Saturday, June 11, 2022

समय बदल गया है

आजकल धनसुख भाई बढ़ते जा रहे हैं 
और मनसुख भाई कम होते जा रहे हैं 
शांतिलालजी का कहीं पता ही नहीं है 

मांगीलालजी हर जगह घूमते रहते हैं 
देवीलाल कहीं नज़र नहीं आते 

ज्ञानचंद हर शहर - हर गली में रहते हैं 
रायचन्द भी हर नुक्क्ड़ पर मिल जाते हैं
लेकिन धीरज चंद और आभारी लाल जी कहीं नहीं मिलते 
कृतज्ञ नंदन भी कहीं खो गए हैं  

स्वर्ण लाल ,चाँदी राम और रुपा मल्ल को सब ढूंढ रहे हैं 
हीरा लाल और पन्ना लाल की दूकान पर लाइनें लगी हैं 
लेकिन दीनदयाल जी और सुखकर नाथ के पास कोई नहीं आता 

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कौन सी रात आख़िरी होगी ? Which Night will be the Last one?

न जाने कौन सी बात आख़िरी होगी  न जाने कौन सी रात आख़िरी होगी  मिलते जुलते बात करते रहा करो यारो  न जाने कौन सी मुलाक़ात आख़िरी होगी             ...