Friday, June 10, 2022

सब अपने नज़रिए से सोचते और देखते हैं

सब लोग हर चीज़ - हर घटना को अपने दृष्टिकोण - अपने अपने नज़रिए से देखते और परखते हैं।

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की गई जिस में कुछ गाँव की महिलाओं को एक कूड़ेदान की पूजा करते हुए दिखाया गया था। 
बहुत से सोशल मीडिया फोरम और ग्रुपों में इसका भारी प्रचार किया गया।
सैकड़ों लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया की और अपने कॉमेंट्स भी लिखे। 

1.अधिकतर लोगों ने इसका मज़ाक उड़ाया और कहा कि ये अनपढ़ गंवार महिलाएं कितनी मूर्ख हैं जो एक कूड़ेदान की पूजा कर रही हैं । 
शायद अनजाने में या फिर गलत धारणाओं और झूठी मान्यताओं के कारण।
 और वे उनकी मूर्खता और अज्ञानता पर हँसते रहे ।

2. लेकिन कुछ लोगों ने इसे एक अलग दृष्टिकोण से - एक दूसरे नज़रिए से देखा।

उन्होंने कहा - वाह - कितनी अद्भुत बात है कि ये महिलाएं हर चीज में ईश्वर को देख सकती हैं... 
यहां तक ​​कि एक कूड़ेदान में भी उन्हें ईश्वर का रुप दिखाई दे रहा है ।

उन का कहना था कि एक तरफ तो हम ये कहते हैं कि कण कण में भगवान है - 
पूरा ब्रह्मांड और उसमें मौजूद हर एक चीज ईश्वर का ही रुप है - 
तो फिर हम उन लोगों पर कैसे हंस सकते हैं - 
उनका मज़ाक़ कैसे उड़ा सकते हैं जिन्हें एक कूड़ेदान में भी ईश्वर दिखाई दे रहा है ?

तो यह सब हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि हम हर बात को किस तरह से देखते हैं।
हम चाहें तो हर बात की सराहना कर सकते हैं - 
हर इंसान की भावना को समझ कर उनका आदर कर सकते हैं  - 
और चाहें तो हर चीज और हर इन्सान में दोष ढूंढ कर उनकी निंदा कर भी सकते हैं।
                                                 ' राजन सचदेव '

7 comments:

  1. This is your beauty Rajan ji, that in simple stories you convey profound messages. Thank you.

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  2. Well said Vishnu Ji.

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  3. You have always been an inspiration for me,

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  4. That's universal understanding which we learning from you respected uncle ji

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  5. Jaisi Drishti vaise sashiriti

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