बड़े ऐतमाद और तंज़-ओ-मज़ाह से
जो करते हैं तुमसे हमारी बुराईयां
मिलते हैं जब आके हमसे वो 'राजन '
तो करते हैं हमसे तुम्हारी बुराईयां
" राजन सचदेव "
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें गपशप करने में बहुत दिलचस्पी होती है।
उन्हें बातें बनाना और अफवाहें फैलाना बहुत अच्छा लगता है ।
उन्हें अन्य लोगों की ख़ामियों और ग़लतियों के बारे में बात करने में मज़ा आता है ।
अगर वो किसी की कोई भूल या ग़लती के बारे में सुनते हैं -
तो उस बात की सच्चाई और प्रामाणिकता की जाँच किए बिना ही उसे चारों ओर फैलाना शुरु कर देते हैं।
याद रखें - कि जो लोग आप के पास आकर दूसरों की निंदा करते हैं - उनकी बुराईयां करते हैं
वो उनके पास जाकर उनसे आपकी बुराइयां - और आप की निंदा भी ज़रुर करते होंगे।
" राजन सचदेव "
एतमाद = विश्वास, उत्साह
तंज़-ओ-मज़ाह से = आलोचना और व्यंग्य पूर्ण मज़ाकिया लहज़े में
Excellent and very true
ReplyDeleteNice और हमें इस तरह के चालाक इंसानों की महफिल में बैठने से बचना चाहिए
ReplyDeleteAbsolutely Right mahapurso ji ashierbad Dena may aesya na karu ji💐💐🙏🙏
ReplyDeleteVery True.
ReplyDelete