मेरे तो निरंकार प्रभु हैं - दूसरो न कोई
रुप रंग रेखा से न्यारा मीत हमारा सोई
चलूँ तो मेरे साथ है चलता जहँ जाऊं तहँ जाए
जब सोऊँ तो गोद में अपनी ले के मोहे सुलाए
संग सदा रहियत है मेरे छोड़ न कबहुं जाए
उठत बैठत सोवत जागत जित देखूं तित सोई
रुप रंग रेखा से न्यारा - मीत हमारा सोई
मेरे तो निरंकार प्रभु हैं -
अजब हैं देखो रंग प्रभु के ग़ज़ब है इसकी रीत
आप न खावे -मोहे खिलावे ऐसो है ये मीत
मोहे सुलावे आप न सोवे ऐसी इसकी प्रीत
ढूंडे से भी नाहिं मिलेगा जग में ऐसा कोई
रुप रंग रेखा से न्यारा मीत हमारा सोई
मेरे तो निरंकार प्रभु हैं -
कण कण में है रुप इसी का सकल जगत का नाथ
जन्म -जन्म का साथी मेरा - हरदम मेरे साथ
सुख में दुख में संग हमेशा कभी न छोड़े हाथ
जन्म जन्म की मैली चादर नाम ने इसके धोई
रुप रंग रेखा से न्यारा मीत हमारा सोई
मेरे तो निरंकार प्रभु हैं -
झूठी माया झूठी काया - झूठी जग की प्रीत
क्षण भंगुर हैं सुख दुनिया के ज्यों बारु की भीत
चार दिनों का मेला है जग - काहे लगावै चीत
परदेसी साजन से 'राजन 'प्रीत किये दुःख होई
रुप रंग रेखा से न्यारा मीत हमारा सोई
मेरे तो निरंकार प्रभु हैं - दूसरो न कोई
" राजन सचदेव "
Waah Jì Waah 🙏🙏
ReplyDelete🙏Bahoot hee khoobsurat rachana hay ji.🙏
ReplyDeleteSunder bhav
ReplyDeleteNaman vandan apke shree charno me
🙏
ReplyDeleteBeautiful!
ReplyDeleteYash Raheja
Rajan Ji शत शत नमन
ReplyDeleteTu hi nirankar Tu hi nirankar Tu hi nirankar
ReplyDeleteवाक़िया ही इस जैसा कोई मीत नही है. इस के सहारे जैसा कोई नही है. यह देता ही देता है.....
ReplyDeleteExcellent, wonderfully written and it’s true.
ReplyDeletewah wah bahut hi sundar rachna🙏
ReplyDeleteMay Nirankar bless all with such a state of mind 🙏
ReplyDelete