Monday, June 20, 2022

पिता क्या है

पिता एक उम्मीद है एक आस है 
परिवार की हिम्मत और विश्वास है 

बाहर से वो बेशक सख्त और गर्म है 
पर अंदर से तो मक्खन सा नर्म है

संघर्ष  की आंधी में हौंसले की दीवार है 
परेशानियों से लड़ने की दोधारी तलवार है

पिता बचपन में खुश करने वाला खिलौना है 
नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछोना है 

पिता सपनों को पूरा करने वाली जान है 
इन्हीं से तो मां और बच्चों की पहचान है
           (लेखक अज्ञात)

5 comments:

  1. Agreed with impressive expression about "Father" as an institution in a family.

    ReplyDelete
  2. I totally agree !
    Real roll of father !

    ReplyDelete
  3. Great views about father !

    ReplyDelete

न समझे थे न समझेंगे Na samjhay thay Na samjhengay (Neither understood - Never will)

न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे  उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा  समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा  उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...