जहाने-ग़म से तंग आकर इधर देखा उधर देखा
तो बस तू ही तू आया है नज़र मैंने जिधर देखा
हुआ है जिस्म ये जिस वक़्त देखो रुह से ख़ाली
न उस को फिर किसी ने भी कभी है आँख भर देखा
जिसे देखो ज़माने में वो दौलत का है दीवाना
हर इक क़िस्से के पीछे ये ही राज़-ए-मुख़्तसर देखा
बहुत मिल जाएंगे हमराह ज़िंदगी में तो 'राजन '
मगर कोई नहीं है आख़री दम हमसफ़र, देखा
" राजन सचदेव "
~~~~~~~~~
जहाने-ग़म = दुःख पूर्ण संसार - दुख से भरी दुनिया
उस जानिब = उस तरफ
हर इक क़िस्से के पीछे ये ही राज़-ए-मुख़्तसर देखा =
संक्षेप में कहें तो हर कहानी अथवा हर काम के पीछे यही राज़ है - अर्थात हर कोई दौलत का ही दीवाना है
हमराह = साथी
आख़री दम = अंतिम समय में
❤❤❤
ReplyDeleteWah ji👍😊🙏
ReplyDeleteBeautiful🙏
ReplyDeleteHaqeeqat har ek ki
ReplyDeleteBeautiful🪴
ReplyDeleteWah kya bat hai sir
ReplyDeleteBahut Khoob ji!
ReplyDelete