Tuesday, June 7, 2022

हमारे हाल भी अब हू-ब-हू कश्मीर वाले हैं

ग़ज़ल की चाहतों, अशआ'र की जागीर वाले हैं 
तुम्हें किस ने कहा है हम बुरी तक़दीर वाले हैं 

वो जिन को ख़ुद से मतलब है सियासी काम देखें वो 
हमारे साथ आएँ  जो पराई पीर  वाले हैं 

वो जिन के पाँव थे आज़ाद पीछे रह गए हैं वो 
बहुत आगे निकल आएँ हैं जो ज़ंजीर वाले हैं 

हैं खोटी नीयतें  जिन की वो कुछ भी पा नहीं सकते 
निशाने क्या लगें उन के जो टेढ़े तीर वाले हैं 

तुम्हारी यादें पत्थर-बाज़ियाँ करती हैं सीने में 
हमारे हाल भी अब हू-ब-हू कश्मीर वाले हैं 
                  " वरुण आनंद "

3 comments:

फ़ासला यारो है बस इक सांस का The distance is just a single breath

इस जहां और उस जहां के दरमियां - फ़ासला यारो है बस इक सांस का  ये अगर चलती रहे तो ये जहां ---- और अगर रुक जाए तो फिर वो जहां  Is jahaan aur us...