Monday, June 13, 2022

शांत एवं संतुष्ट जीवन

अगर शरीर पर कुछ फोड़े - या शरीर के अंदर कुछ अप्राकृतिक, अवांछित नासूर हो जाएं  - 
तो उनका इलाज़ करना ज़रुरी हो जाता है। 

एक डॉक्टर या सर्जन बीमारी को दूर करने के लिए शरीर के किसी हिस्से में बढ़ते हुए अल्सर को काट कर निकाल देता है।

एक पुरानी इमारत को पुनर्स्थापित करने के लिए उस के जर्जर हिस्सों को गिरा कर उन्हें नए समकालीन डिजाईन के साथ बदल दिया जाता है।

पेड़-पौधे अपने पुराने सूखे पत्तों को गिरने देते हैं - झाड़ देते हैं 
और वसंत रितु में उन पर नए पत्ते आ जाते हैं ।

इसी प्रकार एक नए - सुखी एवं संतुष्ट जीवन का निर्माण करने के लिए हमें पुराने दकियानूसी विचारों को छोड़ कर उन्हें नए उपयोगी और प्रैक्टिकल विचारों से  बदलने की ज़रुरत है। 
ऐसे नए विचार - जो सबके लिए उपयोगी, लाभकारी और व्यवहारिक हों।

ऐसी कोई भी विचारधारा जो आज की दुनिया में व्यवहारिक नहीं है - 
या दैनिक जीवन में लागू नहीं की जा सकती, वो किसी के लिए भी लाभदायक नहीं हो सकती - 
न किसी व्यक्ति अथवा परिवार के लिए और न ही समाज के लिए। 

हो सकता है कि कुछ विचरधाराएँ एवं सिद्धांत अतीत में उपयोगी रहे होंगे 
लेकिन बदलते समय के साथ शांतिपूर्ण वातावरण में जीने के लिए पुराने, संकीर्ण और अनुपयोगी विचारों तथा अव्यवहारिक सिद्धांतों को भी बदलने की ज़रुरत पड़ती है। 
                                             ' राजन सचदेव '

2 comments:

Easy to Criticize —Hard to Tolerate

It seems some people are constantly looking for faults in others—especially in a person or a specific group of people—and take immense pleas...