कुछ इस तरह से गुज़री है ज़िंदगी जैसे
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा
Kuchh iss tarah say guzari hai zindagi jaisay
Tamaam umar kisi doosray kay ghar me rahaa
'Ahmad Faraaz'
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Exactly
ReplyDeleteExcellent 🙏
ReplyDeleteExcellent thought !
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