मैं जो कुछ देखता हूँ
सुनता हूँ - छूता हूँ
महसूस करता हूँ
ये सब अगर मिथ्या है
तो सत्य क्या है ?
तेरी आँखें - तेरे अबरु
तेरे आरिज़ - तेरे लब
तेरी मुस्कान - तेरी लचक
यह सब अगर मिथ्या है
तो फिर सत्य क्या है ?
जिस दिन मन उस सत्य को पा लेगा
तो सदियों से सँजोया
ये सपना टूट जाएगा
मोह छूट जाएगा
बंधन टूट जाएगा
तब मन ......
शांत, निष्चल - निष्कृत्य हो जाएगा
सत्य को पाकर सत्य में खो जाएगा
अंततः सत्य ही हो जाएगा
"डॉक्टर जगदीश सचदेवा "
मिशिगन - यू. एस. ए.
अबरु = भंवें Eyebrows
आरिज़ = गाल Cheeks
लब = होंठ Lips
True
ReplyDeleteThanks uncle ji
ReplyDelete🙏
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