Monday, May 2, 2022

ये ज़मीं तुम हो आसमाँ हो तुम

ये ज़मीं तुम हो आसमाँ हो तुम
हर तरफ़ तुम हो पर कहाँ हो तुम

ये जहां है - जहाँ जहाँ हो तुम
क्या कहें किस क़दर निहाँ हो तुम

कोई बे-लफ़्ज़ बात कह जाओ
लोग कहते हैं बे-ज़ुबाँ हो तुम

जैसे गर्दिश में है लहू ता-उम्र
यहीं पर हो मगर रवाँ हो तुम

कोई कहता है तुम यक़ीनन हो
कोई कहता है इक गुमाँ हो तुम

हम कहाँ हैं हमें नहीं मालूम
जहाँ ढूँढा वहाँ वहाँ हो तुम 

‘काश’ वो भी फ़साना हो मुमकिन
हम कहें कुछ भी तो बयाँ हो तुम
         ~ प्रियल महेश्वरी 'काश' ~

2 comments:

  1. ये ज़मीं तुम हो आसमाँ हो तुम
    हर तरफ़ तुम हो पर कहाँ हो तुम
    Wah ji Wah

    ReplyDelete

One day, we will too..... Ek din ham bhi ....

During the recent visit of Respected Raj Mami ji and Narinder Mama ji to Chicago, we almost continually talked about Bhapa Ram Chand ji Maha...