विचार बहुत शक्तिशाली होते हैं।
वे न केवल हमारे शरीर को प्रभावित करते हैं, बल्कि ये भी निर्धारित करते हैं कि हम कौन हैं - क्या हैं और भविष्य में क्या होंगे।
प्रेम और घृणा - प्यार और नफरत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
वे दोनों हमारे मन पर पूरी तरह से हावी हो जाते हैं।
हम जिन से असीम प्रेम अथवा असीम नफरत करते हैं - हमारा मन हमेशा उन्हीं के आस पास घूमता रहता है ।
हम अक़्सर उनके बारे में ही सोचते रहते हैं।
हमें इस बात का एहसास भी नहीं होता कि जब हम लगातार किसी के बारे में सोचते रहते हैं तो धीरे धीरे हम भी उनके जैसे ही बनने लगते हैं।
जितना हम अपने दुश्मनों अथवा प्रतिद्वन्दियों के बारे में सोचते हैं, अनजाने में हमारी सोच भी उनके जैसी ही होने लगती है और अंततः हम भी उनके जैसे ही हो जाते हैं।
इसलिए, हमें अपने विचारों को बड़े ध्यान से देखना और नियंत्रित रखना चाहिए।
' राजन सचदेव '
🙏Excellent advice 🙏
ReplyDeleteYou are hundred percent right 🙏🌹
ReplyDeleteThank you for the Great Advice ji !
ReplyDeleteAnil
Excellent piece of advice...Ashok Chaudhary
ReplyDeleteSo true
ReplyDelete