Wednesday, May 25, 2022

पर उपदेश कुशल बहुतेरे

झाँक रहे है इधर उधर सब 
अपने अंदर झांकें कौन ?

ढूंढ़ रहे हैं सब में कमियां 
अपने मन को जांचे कौन?

सब कहते हैं दुनियाँ सुधरे 
खुद को मगर सुधारे कौन ?

पर उपदेश कुशल बहुतेरे 
अपने कर्म विचारे कौन ?

हम सुधरें - तो जग सुधरेगा
लेकिन ये स्वीकारे कौन?

3 comments:

  1. Jai Gurudev 👏🙏🏾👏! Atishaya Sunder 👏🙏🏾👏

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  2. Saari duniya sudhar jayegi apna agar sudhar je kariye

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  3. Excellent Sir 🙏🏿

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न जाने कौन सी बात आख़िरी होगी  न जाने कौन सी रात आख़िरी होगी  मिलते जुलते बात करते रहा करो यारो  न जाने कौन सी मुलाक़ात आख़िरी होगी             ...