Monday, June 5, 2023

जीवन एक सीधी रेखा में नहीं चलता

जीवन एक सीधी रेखा में नहीं चलता।

जीवन एक सीधी रेखा की तरह - एक सीधी सपाट और समतल सड़क की तरह नहीं है
न तो ये हमेशा नकारात्मकता से भरा रहता है और न ही हमेशा सकारात्मकता से ।
यह सुख और दुःख का संयोजन है -
हर्ष और विषाद - आनंद और पीड़ा - आशा और निराशा का मिश्रण है।
कभी सुख के क्षण हैं तो कभी दुख के।
वक़्त हमेशा एकसा नहीं रहता।
एक दिन उल्लास और उत्सव से भरा है तो अगला दिन दुख और शोक पूर्ण हो सकता है।
समय और परिस्थितियों की क्षणभंगुरता को स्वीकार करने में ही बुद्धिमानी है -
हर चीज की नश्वरता, हर स्थिति और हर पल की अस्थिरता को समझते और स्वीकारते हुए समय के साथ चलने में और परिस्थिति के अनुसार स्वयं को एडजस्ट कर लेने में ही भलाई है।

4 comments:

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Naam letay hain vo mera kyon dushnaam say   (Disdain) Miltay hain jin say hamesha hum ikraam say    (Respectfully) Beqaraari me na aayi ne...