वक़्त मौसम की तरह होता है
समय अच्छा हो या बुरा - दोनों गुज़र जाते हैं
न केवल गुजर जाते हैं -
बल्कि ऋतुओं की तरह -
मौसम की तरह बार बार आते जाते रहते हैं
जो यह जान लेता है - इस तथ्य को समझ लेता है -
वह व्यग्र - बेचैन और व्याकुल नहीं होता।
दुनिया में हर काम की तदबीर बदलती रहती है अक़्सर ही इंसान की तक़दीर बदलती रहती है आती जाती रहती हैं 'राजन' ये शान और शोहरतें शीशा रह...
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