Friday, June 23, 2023

त्रीणि रत्नानि - तीन रत्न

        पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् 
         मूढै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा प्रदीयते 

अर्थ :
पृथ्वी पर तीन ही रत्न हैं - 
अर्थात तीन वस्तुओं को ही रत्न कहा जा सकता है 
वो हैं - जल अन्न और शुभ वचन 
लेकिन मूर्ख  पत्थर के टुकड़ों को रत्न का नाम दे देते हैं 

No comments:

Post a Comment

हर काम की तदबीर - Tadbeer - The ways of the world

दुनिया में हर काम की तदबीर बदलती रहती है अक़्सर ही इंसान की  तक़दीर बदलती रहती है  आती जाती रहती हैं 'राजन' ये शान और शोहरतें  शीशा रह...