Thursday, January 12, 2023

आकस्मिक अनपेक्षित घटनाओं में मानसिक संतुलन


 
हमेशा हर बात हमारी सोची हुई योजनाओं के अनुसार नहीं होतीं। कभी कभी अप्रत्याशित घटनाओं का सामना भी हो जाता है। ऐसे में मानसिक संतुलन बनाए रखना बहुत ज़रुरी होता है। आजकल ऐसी ही एक घटना का वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमें विश्व प्रसिद्ध उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने prformance के दौरान एक आकस्मिक और अप्रत्याशित घटना को भी प्रबंधकों के साथ नाराज़ होने या शिकायत करने की बजाए मनोरंजन में बदल दिया।

ये एक खूबसूरत मिसाल है जिस से ये संदेश मिलता है कि अगर हम हर परिस्थिति में सहज भाव से थोड़ा सा एडजस्ट कर लें और धैर्य के साथ परिस्थिति के बदलने की प्रतीक्षा करें तो हम ख़ामख़ाह की चिंता - उत्कंठाऔर व्याकुलता से बच सकते हैं।

बड़े लोगों का बड़प्पन केवल उनकी public performance अथवा पब्लिक इमेज से नहीं बल्कि उनके स्वभाव से पता चलता है कि रोज़मर्रा की छोटी छोटी घटनाओं में उनकी प्रतिक्रिया क्या होती है और वे किस तरह उन्हें संभालते हैं। लेकिन यह केवल उनके साथ कुछ समय तक लगातार रहकर ही पता चल सकता है।

ज़ाकिर भाई ऐसे ही कुछ चुनिंदा कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने मेरे मन पर गहरा असर छोड़ा है।
अस्सी और नब्बे के दशकों में वो कई बार मेरे पास आए और हमारे घर ठहरे।
एक बार हमारे घर में ही उनकी एक तबला टीचिंग वर्कशॉप एवं परफॉर्मन्स रखी गयी थी। एक सौ से ऊपर श्रोता, दर्शक, और विद्यार्थी मौजूद थे और अचानक ऐसी ही एक परिस्थिति बन गयी। एक छोटा फ्लेक्सिबल माइक जो उनके सामने रखा गया था उसका स्टैंड वजन में बहुत हल्का होने के कारण उनके तबले के ऊपर गिर गया।
वो हँसते हुए कहने लगे "राजन जी - भई ये स्टैंड तो माइक का भी वजन नहीं उठा सकता और अगर मैं कोई ज़ोरदार कायदे टुकड़े बजाऊंगा तो ये उड़ ही जाएगा।"
और इस दौरान कि जब तक हम कोई और इंतजाम करते, उन्होंने आगे बैठे एक स्टूडेंट से कहा कि वो उस स्टैंड को पकड़ के बैठ जाए।
प्रोग्राम के बाद भी उन्होंने ने कुछ नहीं कहा - कोई शिकायत नहीं की। बल्कि रात को जब मैंने सही इंतज़ाम न कर पाने के लिए क्षमा याचना की तो वो एकदम मुझे गले लगा कर कहने लगे - राजन जी ये कोई पहली बार नहीं है - ऐसा तो अक़्सर कई जगह पर होता ही रहता है । चिंता की कोई बात नहीं।

जीवन में कई बार ऐसी ही परिस्थितयां हमारे सामने भी आ जाती हैं - तो थोड़ा सा एडजस्ट करके सहज भाव में आगे बढ़ते रहें।
                                        " राजन सचदेव "



9 comments:

  1. ASHOK KUMAR CHAUDHARYJanuary 12, 2023 at 9:12 AM

    Wow.. thanks for sharing beautiful old moments and photo with Tabla master

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  2. Rajan ji, when you share such events, it really reflects your nature. I have interacted with you a little, and your calm way of handling has always impressed me

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    1. Thank you Vishnu ji - I know I am not always like that - calm and serene - but nevertheless, I am trying

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  3. Comment was by Vishnu Panjwani

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  4. Wahhhhj Wah 🙏🏻🌹 hum bhe ase kar sakte hain lekin karte nahi hain Ji

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  5. Its the matter of vastness which only greats like you can bear and share

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  6. NICE MPMENTS FOR ME DHAN NIRANKAR JI

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  7. DnJ Rajan ji
    I am really touched with your experience with Zakir Husain ji. Lot to learn !

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  8. Old is always gold.bus samphalna ah jai

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