Friday, July 5, 2024

ज्ञान और सागर

ज्ञान और सागर - दोनों ही गहरे होते हैं 
लेकिन दोनों की गहराई में अंतर है। 

सागर की गहराई में इंसान डूब जाता है। 
लेकिन ज्ञान की गहराई में गोता लगाने से इंसान भ्रम एवं अन्धविश्वास से ऊपर उठ जाता है 
और इस तरह संसार सागर से पार हो जाता है। 

सद्गुरु कबीर जी फ़रमाते हैं -
           जिन खोजा तिन पाया गहरे पानी पैठ 
           मैं बौरी ढूंडन गई रही किनारे बैठ 

ज्ञान के सागर में गहरा उतरना है - सिर्फ किनारे पर ही बैठे नहीं रहना   
ज्ञान सागर में गहरी डुबकी लगाने से ही कुछ प्राप्त होगा - अन्यथा नहीं ।
                                  " राजन सचदेव " 

8 comments:

अकेले रह जाने का ख़ौफ़ Fear of being alone (Akelay reh jaanay ka Khauf)

हम अकेले रह जाने के ख़ौफ़ से  अक़्सर नाक़दरों से बंधे रह जाते हैं           ~~~~~~~~~~~~ Ham akelay reh jaanay kay khauf say  Aqsar na-qadron sa...