एक सज्जन ने अपने घर के लिए क़र्ज़ लेने के लिए दरख़्वास्त दी
बैंक मैनेजर ने सब काग़ज़ात देख के चैक लिख दिया
और चैक पर दस्तख़त कर के उनके सामने रख दिया
उस सज्जन ने भावुक हो कर हाथ जोड़ कर कहा -
"आप ने इस नाचीज़ ग़रीब पर इतनी मेहरबानी - इतनी नवाज़िश की है -
मैं आप का ये क़र्ज़ जीवन भर नहीं उतार पाउँगा -
मैनेजर ने झट से चैक उठा कर फाड़ दिया।
कभी कभी ज़्यादा उर्दू बोलना महंगा भी पड़ सकता है।
🙏🙏🙏
ReplyDelete😊😊😊
ReplyDeleteBahut Khoob ji.🙏
ReplyDeleteYou always bring out an unusual view. Always fun to read that comes on your blog.
ReplyDeleteThank you Vishnu ji --- You are always so kind
Delete😊😊
ReplyDeleteAwesome
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteSir, बहुत दिन से आप का blog नहीं पढ़ा
ReplyDeleteधन निरंकार जी - कुछ दिन से शारीरिक और मानसिक रुप से बहुत व्यस्त रहा -
Deleteयाद करने के लिए धन्यवाद -- इसी तरह कृपा बनाए रखना 🙏🙏
😊😊
ReplyDelete😂😂 😂😂
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