कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता आहिस्ता
मंज़िलें होती हैं सर आहिस्ता आहिस्ता
जल्दबाज़ी में बिगड़ जाते हैं काम अक़्सर
बीज बनता है शजर आहिस्ता आहिस्ता
(शजर = पेड़ Tree)
सब्र कर ऐ दिल - न हो बेसब्र इस क़दर
आएगी फिर से सहर आहिस्ता आहिस्ता
(सहर = सुबह )
सौ घड़े पानी अभी देने से क्या हासिल
पेड़ देता है समर आहिस्ता आहिस्ता
(समर = फल Fruit)
कर्म करना धर्म है - तू कर्म करता चल
फल मिलेगा वक़्त पर आहिस्ता आहिस्ता
कर दुआ 'राजन' - दुआएँ रंग लाती हैं
हाँ - मगर होगा असर आहिस्ता आहिस्ता
" राजन सचदेव "
सर होना = जीतना - प्राप्त करना
शजर = पेड़ Tree
सहर = भोर, सुबह Dawn
समर = फल Fruit
बहुत ही बेमिसाल ज़िंदगी जीने के फलसफे हैं 🙏🌹💐
ReplyDeleteBahut Khub !🙂
ReplyDeleteAnil Gambhir
❤️❤️❤️❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteBeautiful !
Deleteमेहेंगी कलम से निकला है ये , कमाल का कलाम........ 🖋️ Just Superb
DeleteBeautiful.
ReplyDeleteBlissful
ReplyDeleteBeautiful lines
ReplyDeleteWah
ReplyDeleteWonderful thought for life to b accepted 🙏❤️
ReplyDeleteVery useful all of us DHAN nirankar ji
ReplyDeleteBhaut khoob 🙏🏿
ReplyDeleteWell said lines.🙏
ReplyDeleteBeautiful ji.🌹
Excellent, Bahut hee sunder aur shikhshadayak bhav wali Rachana ji,🙏
ReplyDeleteJaidev
Thank you ji
DeleteBahut sunder ji❤️❤️❤️
ReplyDeleteVery nice!
ReplyDeleteहम भी सीखेंगे आहिस्ता आहिस्ता🙏
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