Friday, July 26, 2024

जिस का जितना ज़र्फ़ है --- ਜਿਸ ਕਾ ਜਿਤਨਾ ਜ਼ਰਫ਼ ਹੈ

कह रहा है शोर-ए-दरिया से समंदर का सकूत
जिस का जितना ज़र्फ़ है उतना ही वो खामोश है  

کہہ رہا ہے شورے دریا  سے سمندر کا سکوت
جسکا جتنا ظرف ہے اتنا ہی وہ خاموش  ہے

ਕਹਿ ਰਹਾ ਹੈ ਸ਼ੋਰ ਏ ਦਰਿਆ ਸੇ ਸਮੰਦਰ ਕਾ ਸਕੂਤ 
ਜਿਸ ਕਾ ਜਿਤਨਾ ਜ਼ਰਫ਼ ਹੈ ਉਤਨਾ ਹੀ ਵੋਹ ਖ਼ਾਮੋਸ਼ ਹੈ 


सकूत  =  मौन, चुप्पी, Silence
ज़र्फ़    =  पात्रता, ताक़त, शक्ति Capacity - Strength to hold 

ਸਕੂਤ   = ਚੁੱਪੀ 
ਜ਼ਰਫ਼   = ਬਲ,  ਤਾਕਤ 


3 comments:

  1. Kamal ka such. Jaha gehrayi vaha shor kahan ji.

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  2. Beautiful so true.
    Khali bartan sadaa awaaz kare

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  3. Great Thought
    It inspire us a lot Hzur
    Keep sharing, We all need your Blessings support & Guidance

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