कबीर मन तो एक है - भावै तहाँ लगाव
भावै हरि भक्ति करै - भावै विषय कमाव
संत कबीर जी कहते हैं कि मन तो एक ही है - जहाँ अच्छा लगे वहाँ लगा लो।
चाहे हरि भक्ति करो, चाहे विषय विकार कमाओ।
दूसरे शब्दों में ......
सब के पास एक ही तो मन है -
जिन्हें प्रभु भक्ति भाती है - अच्छी लगती है - वह भक्ति में ही लीन रहते हैं
और जिन्हें विषय-विकार भाते हैं वे हर समय उन्हीं में ही उलझे रहते हैं ।
🙏👌👌👌
ReplyDelete🙏🏿
ReplyDelete🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteAbsolutely right ji.🙏
ReplyDeleteइस दुनिया के रंग हैं जितने सब फीके पड़ जायेंगे।
ReplyDeleteकिसी काल रंगीन दिखेंगे किसी काल धुल जायेंगे।
भक्ति का रंग पक्का साधो जो न उतरने वाला है।
मन को निर्मल सुन्दर उज्ज्वल पावन करने वाला है।
- हरदेव बानी १७
Beautiful 🙏🙏
ReplyDelete