दिन चिंता में ढल गया - चिंतन में शाम कट गई
अक़्ल-ओ-फिक्र-ओ-फ़न की दुनिया पेश-ओ-पस में बट गई
न मसायल हल हुए न चैन दिल को मिल सका
न इत्मीनान हो सका न ज़ख़्म दिल का सिल सका
बेबसी लाचारी में दिल रात भर रोता रहा
आंसुओं के नीर से तकिये को भिगोता रहा
थक के सुबह दम जो सितारे फ़लक के सो गए
हो गईं सुनसान गलियां - रस्ते तन्हा हो गए
यास के अँधेरे में आशा की किरण दब गई (यास- निराशा)
रोते रोते जाने कब दो टूक आँख लग गई
सूरज आकर खिड़कियों पे दस्तकें देता रहा
मैं ग़फ़लत की चादर ओढ़े सोया था - सोता रहा
होश जब आई तो आख़िर राज़ हम पे ये खुला
बहते दरिया की तरह है ज़िंदगी का सिलसिला
चिंता भी और चिंतन भी दोनों जीवन का अंग हैं
जब तक है जीवन तो जीवन में मसले भी संग हैं
सुख-दुःख हर इक के जीवन में आते जाते रहते हैं
ख़ुशी-ग़मी और हंसना रोना - आते जाते रहते हैं
लेकिन अक़्सर जीवन में मुश्किल कोई जब आती है
चलते चलते जीवन में कोई ब्रेक अगर लग जाती है
मुश्किलों का जब कोई भी हल हमें मिलता नहीं
आगे जाने का कोई भी रास्ता दिखता नहीं
ऐसे में हर इक के दिल में चिंता होना लाज़िम है
चिंतन से मुश्किल का कोई हल खोजना - वाजिब है
लेकिन जब कोई भी मुश्किल हद से बाहर हो जाए
मुश्किल को सुलझा पाना जब ज़द से बाहर हो जाए
छोड़ के चिंता और चिंतन तब निरंकार का ध्यान करें
जोड़ के मन को प्रभु चरणों में हृदय से गुण गान करें
निरंकार के सुमिरन में ये ध्यान अगर खो जाएगा
सारी चिंता मिट जाएगी - ह्रदय शांत हो जाएगा
याद रहे ' जग सपना है - जो दिखता है सब माया है
कुछ भी परमानेंट नहीं सब चलती फिरती छाया है
यही गुरु का ज्ञान है - और ये ज्ञान हमेशा याद रहे
सबर शुकर हो दिल में तो न बाकी कोई फरियाद रहे
निरंकार का ध्यान अगर 'राजन' चित्त में बस जाएगा
चिंता और चिंतन के बदले - परमानंद रस आएगा
" राजन सचदेव "
अक़्ल = बुद्धि Intellect, Wisdom
ओ = और
फिक्र = सोच-विचार मनन, मंथन Contemplation, Analysis, to analyze
फ़न = कला, गुण, हुनर, Art, Talent
(पेश = आगे) (पस = पीछे)
पेश-ओ-पस (या पस-ओ-पेश) = दुविधा, असमंजस - इधर जाएं या उधर - आगे जाएं या पीछे Dilemma, Confusion, Uncertainty, indecisiveness etc.
मसायल = मसले, परेशानियाँ कठिनाइयाँ मुसीबतें Problems
फ़लक = आकाश
यास = निराशा
वाजिब = उचित, ठीक, तर्कसंगत, यथोचित जायज़ Reasonable, Rational, Logical
ज़द से बाहर = सीमा से बाहर, Out of reach, Out of capacity
फ़लक = आकाश
यास = निराशा
वाजिब = उचित, ठीक, तर्कसंगत, यथोचित जायज़ Reasonable, Rational, Logical
ज़द से बाहर = सीमा से बाहर, Out of reach, Out of capacity
Bekhabar se bakhabar ho k masla ey hal nikal aayega. 🙏💯
ReplyDeleteअति उत्तम भाई साहेब. मर्म दिल को छू गया
ReplyDeleteआभार 💕💕💕💕🙏🏻
🙏
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