Wednesday, July 31, 2024

सब अपने बेगाने छूट जाते हैं

खिलौने हैं सभी माटी के आख़िर टूट जाते हैं 
समय के साथ सब अपने बेगाने छूट जाते हैं 

बहुत मुश्किल है 'राजन हर किसी को साथ रख पाना 
चिराग़ों  को  जलाते  ही  अँधेरे  रुठ  जाते  हैं 
                               " राजन सचदेव "

15 comments:

  1. Waah Jì .. Waah .. so true

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  2. वाह जी वाह

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  3. 🙏Excellent,Absolutely true ji.🙏

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  4. Lajawab Mahatma ji

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  5. That’s true 💯

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  6. मै समझा नही क्यो आज तक
    बिना बात के अपने कयू रूठ जाते है।

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  7. Wah ji wah!

    Sanjeev Khullar

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  8. Wah ji wah bahut khub❤️❤️❤️

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  9. Asha Parley (kathua)August 1, 2024 at 1:23 AM

    🙏🙏🌹🌹

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