हमारी आँख से टपका हुआ है
मुक़द्दर में लिखा था जो न मेरे
वो दाना दांत में अटका हुआ है
(लेखक : नामालूम)
इस जहां और उस जहां के दरमियां - फ़ासला यारो है बस इक सांस का ये अगर चलती रहे तो ये जहां ---- और अगर रुक जाए तो फिर वो जहां Is jahaan aur us...
👌👌👌🙏
ReplyDeleteवाह वाह
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