Monday, March 18, 2024

सही मित्र और साथी

ग़लत व्यक्तियों का चयन हमारे जीवन को प्रभावित करे या न करे,
लेकिन सही व्यक्तियों की उपेक्षा करने पर हमें जीवन भर पछताना पड़ सकता है। 

इसलिए, जब जीवन में कोई सही मित्र या साथी मिल जाएं तो उनकी क़दर करें - 
उनका मूल्य समझें और यथायोग्य आदर करें। 
छोटी छोटी बातों के लिए मन में रोष रख कर दूरी न बनाएं।   
              "रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए 
               टूटे ते फिर जुड़े नहीं - जुड़े गांठ पड़ जाए "

अर्थात: अगर एक बार प्रेम का धागा टूट जाए तो फिर जुड़ता नहीं है। 
और अगर जोड़ भी लें तो उसमें हमेशा के लिए गाँठ तो पड़ी ही रहती है। 

एक बार कहीं दरार पड़ जाए तो उसे भरना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए हर रिश्ते, हर संबन्ध की क़दर करें - उन्हें संभाल कर रखें 
और छोटी छोटी बातों के लिए मनमुटाव पैदा न करें । 
कहीं ऐसा न हो कि वो सदा के लिए दूर हो जाएं।
                             " राजन सचदेव  "

5 comments:

Na vo vaqt raha na main (Neither that time nor I...)

           Na vo shauq rahay - Na vo zid rahi             Na vo vaqt raha - Na vo main raha                            ~~~~~~~~~~~~~ Neither...