جو آنسو پھیل کر دریا ہوا ہے
ہماری آنکھ سے ٹپکا ہوا ہے
مقدّر میں لکھا تھا جو نہ میرے
وو دانا دانت میں اٹکا ہوا ہے
( شاعر - نامعلوم )
इस जहां और उस जहां के दरमियां - फ़ासला यारो है बस इक सांस का ये अगर चलती रहे तो ये जहां ---- और अगर रुक जाए तो फिर वो जहां Is jahaan aur us...
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