جو آنسو پھیل کر دریا ہوا ہے
ہماری آنکھ سے ٹپکا ہوا ہے
مقدّر میں لکھا تھا جو نہ میرے
وو دانا دانت میں اٹکا ہوا ہے
( شاعر - نامعلوم )
ये कलियुग है जनाब — झूठ चाहे धीरे से ही बोलो तो भी सब सुन लेंगे और सच अगर चिल्ला-चिल्लाकर भी कहो तो भी कोई सुनने वाला न...
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