Wednesday, February 21, 2024

उचित संतुलन

दीजिए -- लेकिन सोच समझ कर 
               सुपात्र और कुपात्र देख कर 

निस्वार्थ भाव से सब की सहायता करें -
              लेकिन अपने आप को इस्तेमाल न होने दें। 
              कहीं ऐसा न हो कि लोग आपका नाजायज़ फ़ायदा उठाने की कोशिश करें।

सब से प्रेम करें -
            लेकिन किसी को अपना अपमान और अपने साथ दुर्व्यवहार न करने दें।

सब पर विश्वास कीजिए - 
            लेकिन इतने भोले भी न बनें कि लोग आपको ठग लें।

सब की सुनिए -
            लेकिन अपनी आवाज़ - अपने विचार, अपने सिद्धांत और मर्यादाओं को मत खोइए।

जीवन के हर पहलू में हमेशा एक उचित संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें।
                                                      " राजन सचदेव "

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