Thursday, February 22, 2024

Baba Hardev Singh ji - Birth Anniversary


Janm Maran Dohu meh Naahi Jan Par Upkaari Aaye
Jeea Daan day Bhakti laayan - Hari syon lain Milaaye 









































The Compassionate, Benevolent Gurus and saints are beyond the shackles of birth and death.
They come into the world to reveal the righteous path to all beings 
by giving the knowledge of one Almighty Formless God 
and to show everyone the path of devotion.

5 comments:

  1. सदियां जिन्हें ढूंढता रहता है जमाना
    ऐसे भी जमाने में कुछ इन्सां हुए हैं🌺🥰

    यकीनन ऐसे महामानव का अवतरण इस धरा पर मुद्दतों बाद होता है। सद्गुरु बाबा हरदेव का अवतरण मानव कल्याण के लिए आज ही के दिवस 23 फरवरी 1954 को हुआ। आप मानव मात्र का आवाह्न किया कि इस युग की यदि मांग विश्व बंधुत्व भाईचारा है तो उसका एक मात्र साधन है आध्यात्मिक जागृति...

    मानव को मानव से जोड़ने का अविरल भाव युगों से रहा मानवता के मसीहा तथागत ऋषि मनीषियों सद्गुरु का...
    मानव जीवन का लक्ष्य एक परमात्मा को एक करके जानकर मानना - यही परम्परा रही।।

    आप का उद्घोष रहा #धर्म वह प्रक्रिया है जिससे मनुष्य असल में मनुष्य बनता।

    रब नूं हाज़र नाज़र तकणा इस तों बड्डा धर्म नहीं!!!

    आप का स्मरण आते स्वतः प्रेम का आविर्भाव हो जाता है ...

    #किसी को हो न सका
    इनके कद का अंदाजा
    ये आस्मां थे
    मगर सर झुकाए बैठे रहे!!!

    मेरे हरदेव गुरु हरदेव
    अनूठे रहे...
    आज आप का जन्म दिवस मना रहे हैं

    नर सेवा को ही आप ने नारायण पूजा माना

    जो मानव मात्र की कद्र करे और मानव मात्र से प्रेम करे
    वह इन्सां ही असल में धार्मिक है... बेशक वह किसी भी धर्म को मानता हो या न मानता।
    हो और आस्तिक हो या नास्तिक भी हो...

    ऐसी दिव्यता लिए आप का संसार में आना और इस पृथ्वी ग्रह का ही नही समस्त जगत का सौभाग्य रहा।

    आप बदलते हालात में ढल जाते
    देखने वाले अदाकार समझते रहे...

    एक ऐसे विश्व का भाव रहा आप का
    जहां सिर्फ प्रेम ही हो
    प्रेम के तबस्सुम रहे
    प्रेम प्रेम प्रेम

    जिन प्रेम कियो
    तिन ही प्रभु पायो

    #LOVE PERSONIFIED

    दीवार रहित संसार
    शांतिपूर्ण सहअस्तित्व
    एकत्व में समभाव

    आप अक्सर कहते
    विश्व एक परिवार है अनादि काल से भाव दोहराया भी जा रहा है हर धर्म के आगुकारों द्वारा...और हर जगह बोलते भी हम सुनते भी हम...

    मैं उस दिन का बड़ी शिद्दत से इंतजार कर रहा है जब हकीकत में हम एक परिवार बन जाएं।
    वैर नफरत घृणा की दीवारें हट जाएं!!!

    #मानव को हो मानन प्यारा
    इक - दूजे का बने सहारा

    #मानव की कद्र करें दिल से
    मानवता खिल उठे फिर से

    आप ने विश्व के हर एक मानव को यही संदेश दिया और आवाह्न भी किया कि मानन जीवन का लक्ष्य प्रभु परमात्म की प्राप्ति है। इसे इस जीवन रहते प्राप्त कर लें।

    पूरे विश्व में आप को मानवता का मसीहा स्वीकारा।
    संयुक्त राष्ट्र संघ में आप के कारण ही है संत निरंकारी मिशन को विशेष सलाहकार का दर्जा मिला

    आज भी आप निरंकारी बाबा जी के नाम से पूरे मानव परिवार में जाना जाता है।
    आप का कहना
    # एक को जानो, एक को मानो और एक हो जाओ

    एक ईश्वर को जानकर बंदगी इबादत का भाव दिया आप ने
    सभी संकीर्णताओं से उपर उठकर आप ने मानव को तत्व बोध से ब्रह्म ज्ञान फिर आत्मबोध की स्पष्ट दृष्टि और वैज्ञानिक दृष्टिकोण दिया ताकि द्वैत से अद्वैत की यात्रा सहजता से पूर्ण हो।

    आत्मबोध परमात्म बोध से संभव है@

    #SELF REALIZATION IS ONLY POSSIBLE THROUGH GOD REALIZATION

    आज भी पूरे विश्व के हर देश में आप का जन्म दिन स्वच्छता अभियान जहां सत्संग चला करते हैं, चलाया गया और भारत वर्ष में #EYE CHECKUP CAMP लगाए गए।

    कोरोना वैश्विक महामारी के 2 वर्ष के उपरांत अब रविवार 27 फरवरी 2022 से पुनः निरंकारी सत्संग का आयोजन किया जाएगा.. यह निर्णय भी आज आप के अवतरण दिवस पर लिया गया। 8 मार्च 2020 को सभी सत्संग कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था। अब फिर से #CORONA APPROPRIATE BEHAVIOR के साथ प्रति रविवार को सत्संग का आयोजन किया जाएगा।

    आप के बारे लिखना और व्यक्त करना मुमकिन नहीं
    अल्फाज़ ही नहीं।
    आइए मिलकर आप के मूल भाव

    Oneness to Humanness

    की ओर अपने कदम बढ़ाएं। इंसानियत और रुहानियत संग-संग तभी स्थापित हो सकती जब इस रुहान की पहचान दीदार हो।
    दीदार की तलब के तरीकों से बेखबर
    दीदार की तलब है तो पहले निगाह मांग।

    आंख हो विश्वास मुक्त होइए
    बोध हो विचार मुक्त होइए
    चैतन्य हो संस्कार मुक्त होइए

    ऐसे भावों का जीवंत स्वरुप हैं मेरे हरदेव
    देवों के देव हरदेव।
    शुकराणा
    पल-पल शुकराणा।
    अहोभाव मेरे मुर्शद।

    पुनः आप के अवतरण दिवस की समस्त मानव परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं।🌺 🎂🌹💞

    आप का जिक्र तो हर श्वास में हो रहा है मेरे हज़ूर
    आप ही मेरा बजूद हो।
    आप को ब्यां करना अल्फाज़ में मुमकिन नहीं
    मेरे भावों में मेरे मौन को स्वीकारिए।

    आज इतना ही
    शेष फिर कभी।

    श्रद्धा पूर्वक
    मानवता को समर्पित
    निर्मल सोनी 💢💖✍️

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  2. Badla jhukaaya ja nhi sakda, 'Hardev' tere ehsaana da 🙏

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  3. Kirg chakaya nahi jah sakta taray ungint ahsaano da

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