Saturday, October 24, 2020

तारीफ़ ख़ुशबू से होती है

फूल कितना भी सुन्दर हो -

तारीफ़  ख़ुशबू से होती है  

इंसान कितना भी बड़ा हो - 

क़दर उसके गुणों से होती है 

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कामना रुपी अतृप्त अग्नि

                  आवृतं ज्ञानमेतेन ज्ञानिनो नित्यवैरिणा |                   कामरुपेण कौन्तेय दुष्पूरेणानलेन च ||                            ...