Saturday, December 31, 2022

वर्ष-अंत क्षमा याचना एवं धन्यवाद

जो लोग सोचते हैं कि शायद मुझे बहुत गर्व या दंभ है -  ...
जो सोचते हैं कि मैंने उनकी उपेक्षा की - उन्हें नज़रअंदाज़ किया। 
जिनको मेरे व्यवहार या स्वभाव से कभी ठेस पहुंची हो ...
जिन्हें मेरे शब्दों या किसी कार्य से चोट पहुंची हो ...
जिनसे किये हुए वादे पूरे नहीं कर पाया ...
जिन को लगता हो कि मैं बहुत मिलनसार - मित्रवत या दोस्ताना नहीं हूं...
जिनसे मैं इस साल न तो मिल सका और न ही फोन किया...
        उन सब से मैं क्षमाप्रार्थी हूं।

जब से हमारा परिचय हुआ,
तब से लेकर आज तक  -
मेरे किसी वचन, अथवा आचरण या व्यवहार से
किसी भी तरह से आपका अपमान हुआ हो -
आपका दिल दुखा हो -
यदि मैंने कभी आपको कर्कश वचन कहे हों -
यदि जाने अनजाने में आपकी उपेक्षा की हो -
या आपको किसी बात से नाराज़ किया हो -
किसी भी तरह से चोट पहुंचाई हो -
     तो मैं दोनों हाथ जोड़ कर एवं नतमस्तक हो कर
आपसे क्षमा प्रार्थी हूँ
और आशा करता हूँ कि आप उदारता पूर्वक
इस याचना को स्वीकार करते हुए
मेरी हर ग़लती और नादानी के लिए क्षमा प्रदान करेंगे 

और जिन्होंने मेरी किसी भी रुप में - किसी भी तरह से मदद की  -
जिन्होंने मुझे सब कुछ सिखाया और मेरे विचारों को आकार और परिपक्वता देने में सहायक बने - 
जिन्होंने मुस्कुराने और प्रसन्नता के अनेकानेक मौके प्रदान किये -
मुझे सार्थक महसूस करवाया  -
मैं उन सब को अपने दिल की गहराई से धन्यवाद देता हूं - 
तहे-दिल से उनका शुक्रगुज़ार और आभारी हूँ 
और आशा करता हूं कि न केवल आने वाले वर्ष में - बल्कि उसके बाद भी -
पहले से भी अधिक मार्गदर्शन, प्रेम और आशीर्वाद हमेशा प्राप्त होता रहेगा ।
                                                  " राजन सचदेव "

2 comments:

  1. Thank you 🙏🏽 so much for taking time to share your great thoughts, research and words of wisdom with us and hope that you will continue to do so for foreseeable future 🙏🏽🙏🏽
    Narendra

    ReplyDelete

जब लग इस संसार में है माया का साथ

जब लग इस संसार में - है माया का साथ  तब लग छोटे और बड़े सब जोड़ें आकर हाथ  सब जोड़ें आकर हाथ - कहें मैं भाई तेरा  चली जाए माया तो बोलें - तू क्...