Friday, July 7, 2023

ज़िंदगी है तो ख़िज़ां के दिन गुज़र ही जाएँगे

ज़िंदगी है तो ख़िज़ां के दिन गुज़र ही जाएँगे
वक़्त के हाथों ये दिल के ज़ख्म भर ही जाएंगे
 
जिस जगह दीपक जलेगा जिस तरफ हो रौशनी 
बात ये तय है कि परवाने उधर ही जाएंगे 

एक है अपनी ज़मीं और एक ही है आसमां 
बात ये गर सब न समझे तो बिखर ही जाएंगे 

चलते चलते राह में गर पाँव यारो थक गए 
रास्ते के साथ फिर हम भी ठहर ही जाएँगे 

गर कभी मुश्किल पड़ेगी राह चुनने में हमें 
जिस तरफ तेरा इशारा हो उधर ही जाएंगे 

लाख तुम रोको - गिनाओ लाख इसके ऐब पर 
आए हैं दुनिया में तो कुछ देख कर ही जाएंगे 

उनके दर पे तो रसाई हो न पाएगी कभी 
अपने दर्दो-ग़म के नाले बेअसर ही जाएंगे 

उस नगर की तंग सी तारीक़ गलियों में अगर 
रास्तों से बेख़बर होंगे  तो डर ही जाएंगे 

मौत का डर क्यों रहेगा फिर उन्हें 'राजन भला 
जानते हैं जो  कि आख़िर अपने घर ही जाएंगे  
                      " राजन सचदेव "

रसाई       = पहुँच - असर, रसूख, Access - Approach 
तारीक़    =  अँधेरी   Dark 

14 comments:

  1. So powerful message but simplified by your wisdom 🙏🙏

    ReplyDelete
  2. Wah wah bhaut khoob 🙏🏿

    ReplyDelete
  3. Ek ek shabd anmol hai ji

    ReplyDelete
  4. यकीनन राजन आना - जाना भी देह तल पर। दो तो हैं ही नहीं, एक ही है बस यही एकत्व बना रहे। बहुत सुंदर अभिव्यक्ति जी। आइए मिलकर इस अमन प्रीत की अमिट महक को सृष्टि में फैलाएं 🌺🤗🎉

    ReplyDelete
  5. Wah wah bahut khoob ji🌹🌹🌹👌👌👌

    ReplyDelete
  6. 🙏👍👍🙏🌷very nice

    ReplyDelete
  7. Absolutely true ji🙏🙏

    ReplyDelete
  8. Excellent ji. Bahut hee uttam massage. 🙏

    ReplyDelete
  9. Beautifully worded Rajanjee.दिल को छू गई।

    ReplyDelete
  10. अति सुंदर

    ReplyDelete

Itnay Betaab kyon hain - Why so much restlessness?

 Itnay betaab - itnay beqaraar kyon hain  Log z aroorat say zyaada hoshyaar  kyon hain  Moonh pay to sabhi dost hain lekin Peeth peechhay d...