Wednesday, July 12, 2023

शरीर एक रथ है और मन इसका चालक

प्राचीन भारतीय हिंदू ग्रंथों में एक सुंदर दृष्टान्त - एक गहन अर्थपूर्ण उपमा है -

आत्मा - एक राजा की तरह है जो अपने राज्य में घूमना चाहता है।
वह अपने रथ पर बैठता है और चालक से उसे साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में ले जाने के लिए कहता है।
वह अपने रथ का नियंत्रण चालक को दे देता है - कि जहां भी वह जाना चाहे, रथ को ले जाए। 
और स्वयं यात्रा का आनंद लेने के लिए पीछे बैठ जाता है।

इस सादृश्य में - शरीर एक रथ की तरह है - जिसे कई घोड़े खींच रहे हैं।
और वो घोड़े हैं - ज्ञान-इंद्रियाँ (आँख,कान ,नाक,जिह्वा और त्वचा)
और कर्म-इंद्रियाँ इस रथ के पहिये हैं।
मन इस रथ का चालक है - जो विचारों, इच्छाओं, धारणाओं - आस्था और अवधारणाओं की रस्सियों से रथ के घोड़ों अर्थात ज्ञान इंद्रियों को नियंत्रित करता है।

आत्मा पीछे बैठकर यात्रा का आनंद लेती है - साक्षी भाव से सब कुछ देखती रहती है - रास्ते के सब दृश्य और मार्ग में होने वाली सभी प्रकार की घटनाओं को साक्षी बन कर देखती है ।
और चालक - अर्थात मन वही मार्ग चुनता है जिस पर वह जाना चाहता है।
मन अपने विचारों और इच्छाओं की रस्सियाँ खींचकर जिस दिशा में जाने का इशारा करता है - ज्ञानइंद्री रुपी घोड़े उसी दिशा में चल पड़ते हैं।
और जिस तरफ घोड़े - अर्थात ज्ञान इंद्रियाँ जाती हैं, उसी दिशा में वे पहियों अर्थात कर्म-इंद्रियों को खींच कर ले जाते हैं।
इस प्रकार, शरीर रुपी रथ जीवन की इस यात्रा में संसार रुपी साम्राज्य में भिन्न भिन्न मार्गों पर चलता रहता है।
चूंकि जीवन का रथ - इसके घोड़े और पहिये - मन के नियंत्रण में है - इसलिए मन इन्हें किसी भी दिशा में ले जा सकता है - और ले जाता है।

लेकिन जब यह मन - ज्ञान और बुद्धि से प्रभावित और निर्देशित हो - तो यह इन्हें ज्ञान एवं विवेक की रस्सियों से खींच कर कण्ट्रोल करता है और सदमार्ग पर ले जाता है।
भगवद गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि इन्द्रियों से परे मन है - और मन से परे है बुद्धि।
अर्थात - इन्द्रियों को मन से और मन को बुद्धि के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।

इस प्रकार - ज्ञान और विवेक के द्वारा मन रुपी चालक - राजा अर्थात आत्मा को द्वंद्व और अनेकता के अशांत मार्ग की बजाय शांति और मुक्ति के मार्ग पर ले जा सकता है।
                                                " राजन सचदेव "

6 comments:

  1. Dhan Nirankar Sant ji
    Beautiful explain ji 🙏🏻🙏🏻

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  2. Absolutely right.Beautifully explained. Keep sharing ji

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  3. Bahut Sundar vyakhya ji

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  4. Very nice ji.
    Dhan nirankar ji 🙏❤️

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  5. Bohot sundar aur sahi Tarah se samjhaya ji
    Dhan nirankar ji

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  6. सही बात जी धन निरंकार जी

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