दुःख भरी बातें पुरानी भूल जाइए
मीठी मीठी यादों से दिल को बहलाईए
मुश्किलें माज़ी की सोच के दुखी न हों
आने वाले वक़्त को 'राजन ' सजाईऐ
" राजन सचदेव "
माज़ी = अतीत, बीता हुआ समय
न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...
Is it so easy to forget the past agonies
ReplyDeleteNo - it's not easy - but we can try
DeleteDatar Prabhu Nirankar Satguru Bless us all ji with such pious vibes. Keep sharing 🌺
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