Thursday, August 4, 2016

नींद तो दर्द के बिस्तर पे Neend to Dard ke Bistar pe bhi

नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है 
उनकी आगोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं 

Neend to Dard ke Bistar pe bhi Aa sakti hai
Un ki Aagosh mai Sar ho, ye zaroori to nahin 











2 comments:

  1. नींद तो बचपन में आया करती थी,
    अब तो थक कर सो जाते हैं।
    Sukhdev

    ReplyDelete

हर काम के लिए समय चाहिए

हर काम के लिए समय चाहिए।  जीवन में कुछ भी करने के लिए - किसी भी चीज़ को प्राप्त करने में समय लगता है। लेकिन फिर -  समय ही सब कुछ छीन भी लेत...