कल सितार बजाने बैठा -
जब तानपूरा छिड़ा - तो अचानक मन में कुछ भाव उठे।
वो भाव कविता रुप में बांधने की कोशिश की है ......
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गीत में संगीत में तू ही है सुर और ताल में
नाद तेरा ही गूंजता है तंबूरे के तार में
थाप में तबले की और सितार की झंकार में
गीत में संगीत में तू ही है सुर और ताल में
तू ही आलाप तान में - तू ही है रागमाल में
जल में थल में वन उपवन में तू धरती आकाश में
सूरज चाँद सितारों में - तू ही तिमिर, प्रकाश में
कण कण में है सूरत तेरी हर पत्ते हर डाली में
फूलों में कलियों में तू ही तू बगिया के माली में
गंध में, सुगंध में - हर पुष्प की सुवास में
उमंग में, तरंग में, तू ही जीवन की आस में
आवास में निवास में - तू देस में प्रवास में
हर जगह इक तू ही तू है दूर में और पास में
धड़कनों में दिल की तू है आते जाते स्वास में
तू ही मेरी सोच में - तू ही मेरे एहसास में
ज्ञान में तू ध्यान में तू ही सुमिरन सत्संग में
तू ही भजन कीर्तन - तू ही कथा प्रसंग में
तू ही पूजा अर्चना - तू ही श्रद्धा विश्वास में
तू मंदिर की प्रार्थना- गुरद्वारे की अरदास में
मस्जिद की आज़ान में तू ही हज रोज़े रमज़ान में
गिरिजाघर के क्रास में तू ही - तू तीर्थ इशनान में
तथागत में - तीर्थंकर में - पर्यूषण उपवास में
माला तस्बी, यज्ञ हवन में तू ही योगभ्यास में
हर इक जा में तू ही तू है - तू ही सबका सार है
तुझ से सब उत्पन्न हुआ तू ही सब का आधार है
अंतर बाहर तू ही तू है - तेरा सकल पसारा है
तेरी ही है ज्योति सभी में तुझ से जग उजियारा है
तू ही अल्लाह राम वाहेगुरु - तू ईश्वर भगवान् है
नामों के चक्कर में लेकिन उलझ गया इन्सान है
नाम रुप आकार से जिसने परे तुम्हें पहचाना है
उस जन ने ही 'राजन' जग में परम सत्य को जाना है
" राजन सचदेव "
तिमिर = अन्धकार
प्रवास = देशान्तर, परदेस
तथागत = भगवान बुद्ध
तीर्थंकर = भगवान महावीर जैन
पर्यूषण = जैन धर्म का प्रमुख पर्व (आठ दिन का उपवास व्रत साधना)
तस्बी = सूफियों की माला
Kann kann hee too hey. Very Very nice poem ji.🙏
ReplyDeleteवाह उस्ताद जी
ReplyDeleteआपकी कलम और कलाम
कमाल कमाल 🌹
👌👌👌👌👌
Thank you Sachin ji ज़र्रा नवाज़ी के लिए शुक्रिया
ReplyDeleteKan kan mai tu ye to aap jaise koi divya drishta hi samaj sakta hai ar samja sakta hai
ReplyDeleteBeautiful 💕
ReplyDeleteKya baat hai !
ReplyDeleteToo good ji
ReplyDeleteVery very nice Mahatma ji
ReplyDelete👍👌🏻very nice ji🙏🏻
ReplyDeleteVery nice and thoughtful!!
ReplyDeleteBeautiful. Gyan waali Nazar. 🙏🙏
ReplyDeleteVery very nice mahatma ji🌹🌹👌👌
ReplyDeleteBahut Sundar bhav ji.
ReplyDelete🙏
Sanjeev Khullar
Thank you Sanjeev ji
DeleteDnj… so touchy Bhaisahib ji and very true.. every word touches the heart 🤲🤲💞💞💞🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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