Monday, March 13, 2023

सहर होने को रात कट जाना समझते हैं

'फ़िराक़' इस गर्दिश-ए-अय्याम से कब काम निकला है
सहर होने को भी हम रात कट जाना समझते हैं
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समय और परिस्थितियों के बदलने से भी कहां संतुष्टि होती है?
सुबह होने को - सूर्योदय को एक नई शुरुआत - नई आशाओं और उत्साह से देखने की बजाए हम सोचते है कि चलो शुकर है - रात कट गई। 

हर सुबह एक नई उमंग, एक नई तरंग ले कर आती है 
नई आशाएं  - नया उत्साह लेकर आती है 
हर सुबह हमें कुछ नया सोचने और करने का अवसर देती है - ताकि हम अपने ज्ञान को और आगे बढ़ा सकें - 
अपनी सोच और किरदार को और ऊंचा उठा सकें। 
हर सुबह हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने की नई संभावनाएं प्रदान करती है - 
कुछ नया सीखने और करने का एक और मौका देती है।

इसलिए हर नए दिन को केवल एक अन्य सामान्य दिन के रुप में न देखें जिसे किसी तरह से गुजारना ही है ।
बल्कि हर नई सुबह का जोश और उत्साह के साथ स्वागत करें। 

नोट:
अनुवाद में प्रस्तुत विचार मेरे निजी विचार हैं - और हो सकता है कि ये शायर की मूल भावनाओं को प्रतिबिंबित न करें। 

1 comment:

When the mind is clear

When the mind is clear, there are no questions. But ... When the mind is troubled, there are no answers.  When the mind is clear, questions ...