इस रंग बिरंगी दुनिया में हर तरफ कई रंग बिखरे हुए नज़र आते हैं
और हर रंग का अपना ही आकर्षण और महत्व होता है।
वैसे तो हम सभी रंगों का आनंद लेते हैं लेकिन फिर भी हर व्यक्ति का अपना अपना एक पसंदीदा रंग होता है जिसे वो बाकी रंगों से अधिक पसंद करता है।
सबकी अपनी-अपनी पसंद होती है।
हम इन बाहरी सांसारिक रंगों को अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं और जैसा चाहें अपनी इच्छा अनुसार उन का उपयोग कर सकते हैं।
लेकिन कुछ रंग मानसिक होते हैं - जिनका हम आसानी से चयन नहीं कर सकते।
ये हैं मन की भावनाओं के रंग।
कुछ रंग हमें सुख और प्रसन्नता देते हैं और कुछ दुःख और पीड़ा।
एक तरफ ख़ुशी, आनंद और उल्लास के रंग हैं
और दूसरी तरफ दुख, उदासी, भय और निराशा के रंग हैं।
हर इन्सान केवल सुख का रंग ही चाहता है।
दुख, दर्द और पीड़ा का रंग कोई भी नहीं चाहता।
लेकिन हमेशा अपनी इच्छा के अनुसार अपनी पसंद का रंग चुनना संभव नहीं होता।
बेशक़ धन की सहायता से हम कुछ भौतिक सुविधाओं के रुप में - उपकरणों और मनोरंजन के साधनों के द्वारा कुछ हद तक शारीरिक सुख और आनंद तो खरीद सकते हैं।
कोई रोग हो तो औषधियों और उपचार की सहायता से रोग मुक्त हो कर कुछ हद तक उस कष्ट और दुःख से तो बचा जा सकता है।
लेकिन हमारे मन में उठने वाली हर तरंग और जीवन में मिलने वाला हरेक रंग हमेशा हमारी पसंद और मर्ज़ी के मुताबिक नहीं होता।
जीवन रुपी चित्र सुख- दुःख इत्यादि कई रंगों का मिश्रण है - सब रंगों से मिल कर बनता है।
जैसे बाहर की दुनिया में हर रंग का अपना महत्व होता है -
वैसे ही जीवन में सुख और दुःख रुपी रंगों का भी अपना अपना महत्व है।
बेशक़ हम जीवन में मिलने वाले सुख और दुःख के रंगों का चयन तो नहीं कर सकते लेकिन मिलने वाले हर रंग का उपयोग सही ढंग से एवं बुद्धिमता से किया जा सकता है।
जैसे एक चित्रकार अलग अलग रंगों का कुशलता से इस्तेमाल करके एक सुंदर मनमोहक तस्वीर बना लेता है - उसी तरह जीवन में मिलने वाले हर रंग का सही ढंग और समझदारी से इस्तेमाल करके हम जीवन-रुपी कैनवस पर एक सुंदर चित्र बना सकते हैं।
सुख में कृतज्ञता का रंग -
और दुःख में सहनशीलता का रंग -
कर्म की कूची (ब्रुश) से जीवन के चित्रपट पर आत्मविश्वास और आत्मसंतोष का रंग भर कर एक सुंदर और आनंदमयी चित्र बनाया जा सकता है।
कृतज्ञता, नम्रता, विशालता, उदारता, करुणा, सहनशीलता, धैर्य, संतोष और निःस्वार्थता इत्यादि ऐसे रंग हैं जिनसे जीवन के पर्दे पर बनी तस्वीर को खूबसूरती से निखारा और सजाया संवारा जा सकता है।
" राजन सचदेव "
We must learn to accept the jivan ke rang and enjoy them
ReplyDeleteबहुत ही उत्तम वचन
ReplyDeleteBilkul sahi bhai sahab ji
ReplyDeleteबे रंगे का रंग ही अति उत्तम है🙏🏻
ReplyDeleteThis is art of living, and saints very well know how to use the colours of life to make life comfortable and enjoyable.
ReplyDeleteThis is art of living & saints very well know how to use the colors of life
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