जीवन का पहिया हमेशा चलता रहता है
किसी के रोके कब भला ये रुकता है
सुख को पकड़ के हम रख नहीं पाते
और दुःख भी हमेशा के लिए कब ठहरता है?
कभी सुख की हवा चलती है -
तो कभी दुःख के बादल घिरते हैं
इन दोनों के बीच हम हमेशा उलझे रहते हैं
जब सुख आता है - तो सब कुछ भूल जाते हैं
मस्ती में झूमते हुए - गर्व से गुबारे की तरह फूल जाते हैं
और जब दुःख आता है, तो उसे दूसरों से छुपाते हैं
कभी ख़ुद पर - कभी औरों पर
कभी ईश्वर पर दोष लगाते हैं
पर जीवन का पहिया घूमता ही रहता है
लाख रोएं पीटें - लाख कोशिश कर लें -
हमारे रोके से कब ये कहीं रुकता है
सुख को पकड़ के हम रख नहीं पाते
और दुःख भी हमेशा के लिए कब ठहरता है?
सुख और दुःख -
जीवन में मेहमान की तरह आते हैं
कुछ देर ठहरते हैं - और चले जाते हैं
सुख -
जीवन में वसंत की तरह
हरियाली और फूलों की बहार ले कर आता है
और फिर एक दिन
हमें पता भी नहीं चलता
कि अचानक सब कुछ कहाँ खो जाता है
दुःख -
अपने साथ लाता है ग़म की बरसात
तनहा और उदास छोड़ जाता है
बड़े बड़े ज्ञानी और दानिशमंदों को भी तोड़ जाता है
समय के साथ सब कुछ बदलता रहता है
सुख को पकड़ के हम रख नहीं पाते
और दुःख भी हमेशा के लिए कब ठहरता है?
जीवन का सफर
सुख और दुःख के रास्तों से हो कर गुज़रता है
हम समझ नहीं पाते सुख और दुःख का सही मायना
सुख पाने की चाह में बिता देते हैं जीवन
पर कभी सोचा है - कि सुख में भी खुश रहते हैं क्या ?
जीवन का एक नियम है कि सब कुछ अस्थायी है
हमें सदा अस्थिरता से जूझते रहना पड़ता है
सुख को पकड़ के हम रख नहीं पाते
और दुःख भी हमेशा के लिए कब ठहरता है?
जीवन का पहिया तो 'राजन ' चलता ही रहता है
" राजन सचदेव "
Very very nice poem !
ReplyDeleteThoroughly enjoyed every true line of it !
Truth of life
ReplyDeleteTruth of life 🌹🌹🙏🙏
ReplyDelete🙏Very beautiful poem and Absolutely true ji. 🙏
ReplyDeleteVery nice 👍
ReplyDeleteYeh he jeevan ke sache h ji
ReplyDeleteTrue ji yahi hai jeevan ka chakar🌷🙏🏻
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