Tuesday, March 21, 2023

ख़यालिस्तान-ए-हस्ती में अगर ग़म है

ख़यालिस्तान-ए-हस्ती में अगर ग़म है ख़ुशी भी है 
कभी आँखों में आँसू हैं कभी लब पर हँसी भी है 

इन्ही ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चाँद निकलेगा 
अँधेरी रात के पर्दे में  दिन की रौशनी भी है        
                            अख़्तर शीरानी
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ख़यालिस्तान - अर्थात ख़्यालों की दुनिया में - मन के विचारों की दुनिया में दुःख भी हैं सुख भी हैं - ग़म भी हैं और ख़ुशी भी है। 
मन की अवस्था हमेशा एक सी नहीं रहती। 
कभी ग़म है तो कभी ख़ुशी। 
कभी हर्ष तो कभी शोक - कभी होठों पे हंसी तो कभी आँखों में आंसू। 
कभी आशा  - कभी निराशा 
कभी उमंग और उत्साह तो कभी उदासी, विषाद अवसाद और खिन्नता। 

लेकिन संसार में हमेशा एक सा कुछ भी नहीं रहता। 
अमावस्या के बाद फिर चाँद का प्रादुर्भाव हो जाता है। 
रात के बाद दिन और दिन के बाद रात - ये सिलसिला चलता ही रहता है। 
रात कितनी भी अँधेरी हो - कितनी ही लम्बी महसूस हो, आख़िर कट ही जाती है और सूर्य की किरणों से फिर हर तरफ प्रकाश हो जाता है। 

इसी तरह जीवन में भी सुख और दुःख आते जाते रहते हैं। 
ये ध्यान रहे कि संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है। सब कुछ बदलता रहता है।
सुख में अभिमान न हो और दुःख में विचलित न हों।  
दुःख से विचलित होने की बजाए शांति और हिम्मत से उसे दूर करने का उपाय खोजने की कोशिश करें।  
            सुखावसाने इदमेव सारं, दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम्।
            देहावसाने  इदमेव जाप्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
सुख हो या दुःख - अंततः सबका अवसान - सबका अंत हो जाता है  
यहाँ तक कि देह भी नश्वर है नाशवान है।  यही जीवन और संसार का सार  है - 
ज्ञानी लोग इस तथ्य को जानते हैं - इसे याद रखते हैं। 
और जीते-जी - शरीर अथवा जीवन का अंत होने तक गोविन्द का ध्यान और जाप करते रहते हैं।
                                          " राजन सचदेव "  
नोट - 
गोविन्द    =  गो + विंद  
गो अर्थात पृथ्वी अथवा सृष्टि 
विंद अर्थात बनाने वाला - रचयिता 
गोविन्दअर्थात सृष्टि कर्ता - संसार का रचयिता - बनाने और धारण करने वाला। 
जिसे हम निरंकार प्रभु, ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु गॉड इत्यादि असंख्य नामों से जानते और पुकारते हैं। 
                       

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When the mind is clear

When the mind is clear, there are no questions. But ... When the mind is troubled, there are no answers.  When the mind is clear, questions ...