फ़लक देता है जिन को ऐश उन को ग़म भी होते हैं
जहाँ बजते हैं नक़्क़ारे - वहाँ मातम भी होते हैं
" दाग़ देहलवी "
सुख पाने वालों को - दुख भी होते हैं।
जहाँ हर्षोल्लास के नगाड़े बजते हैं - वहाँ शोक भी होते हैं।
हम अकेले रह जाने के ख़ौफ़ से अक़्सर नाक़दरों से बंधे रह जाते हैं ~~~~~~~~~~~~ Ham akelay reh jaanay kay khauf say Aqsar na-qadron sa...
Absolutely!
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