अध्यात्म के मार्ग पर सबसे पहली और महत्वपूर्ण सीढ़ी है ज्ञान -
केवल शास्त्रों का ज्ञान ही नहीं -
बल्कि वो ज्ञान - जो ज्ञानियों अर्थात सत्य के जानकारों की संगति में प्राप्त होता है ।
लेकिन सिर्फ़ ज्ञान होना ही काफी नहीं - सत्य का अनुभव होना भी ज़रुरी है।
सत्य की अनुभूति ज्ञान से बहुत ऊपर है।
जीवन में कोई भी अनुभव केवल सुनने या समझने से नहीं हो जाता
न ही कोई अपना अनुभव किसी और को दे सकता है।
ये सीखा और सिखाया नहीं जा सकता।
लेकिन फिर भी, सुनना, पढ़ना और समझना पहली सीढ़ी है।
पहले तो सुनना समझना और किसी से सीखना ही पड़ता है।
फिर आता है चिंतन - मनन और ध्यान।
पहले ज्ञान प्राप्त करें - सत्य का ज्ञान।
फिर उचित अभ्यास के साथ ध्यान और सुमिरन में सत्य का अनुभव करने का प्रयास करें।
धीरे धीरे स्वयंमेव ही इसका अनुभव होने लगेगा - और साथ ही इससे मिलने वाली शांति औरआनंद का भी।
' राजन सचदेव '
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Kaise bataoon main tumhe Mere liye tum kaun ho Kaise bataoon main tumhe Tum dhadkanon ka geet ho Jeevan ka tum sangeet ho Tum zindagi...
🙏Bahut hee sunder bachan ji. 🙏
ReplyDeleteBAHUT HI SUNDER VISHLESHAN KIYA H SANT JI
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