अच्छे आदमी को समझने के लिए अच्छा दिमाग़ नहीं -
बल्कि अच्छा हृदय चाहिए
क्योंकि दिमाग़ तो हमेशा तर्क करता है -
गुण और अवगुण ढूंढता है
और हृदय केवल भाव देखता है -- केवल प्रेम भाव
और जहां प्रेम होता है वहां तो केवल सद्गुण ही दिखाई देते हैं
- अवगुण एवं त्रुटियाँ दिखाई ही नहीं देतीं
और दिखें भी तो स्वयंमेव ही नज़रअंदाज़ हो जाती हैं
Beautiful mahapurso ji💐🙏
ReplyDelete