हम एक ही समय में प्रार्थना और चिंता साथ साथ नहीं कर सकते।
क्योंकि ये दोनों अलग-अलग वृत्तियाँ अथवा मनोभाव हैं ।
इसलिए जब प्रार्थना करें तो चिंता छोड़ दें
और प्रकृति - ब्रह्मांड - ईश्वर -
अथवा जो भी नाम आप उस महान सर्वोच्च शक्ति को देना चाहें -
उसे अपना काम करना दें ।
Yes absolutely right many religions call god by many names. ie we Nirankar.
ReplyDeletePrarthana ke sath faith ka hona jroori hai.,chinta ka nhi.🙏
ReplyDeleteBilkul sahi hsi ji
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