Friday, December 30, 2022

श्रद्धांजलि - माता हीराबेन

                                          (भारत से एक मित्र द्वारा प्राप्त)

जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की माता जी हीराबेन के देहावसान की खबर मिली ... तो लगा कि आज उनका पार्थिव शरीर कंही अंतिम दर्शन के लिए रखा जायेगा..... फिर जैसा अन्य राजनेताओं के परिवार जनों की मृत्यु में होता है राजसी तरीके से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा और अंतिम संस्कार का कार्यक्रम सियासी हो जाएगा 
लेकिन ऐसा सोचते सोचते जब टेलीविज़न ऑन किया तो देखा मोदी जी और उनके भाई सहित परिवार जन तो माँ के पार्थिव शरीर को बिल्कुल सामान्य तरीके से लेकर श्मशान पंहुच चुके हैं। 
इतनी सामान्यता तो मध्यमवर्गीय आम लोगो के परिवारों में देखने को नहीं मिलती। चित्र देखकर विश्वास नहीं होता कि विश्व के इतने बड़े नेता अपनी माँ को सामान्य रुप में -- बाँस और घास की अर्थी को कंधा देकर चल रहे हैं 

इतनी सादगी .... न भूतो न भविष्यति  
अर्थात न कभी देखी  और शायद न ही कभी देखने को मिलेगी। 
ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व को जन्म देने वाली माँ को शत शत नमन 
 विनम्र श्रद्धांजलि 
                 ~~~~~~~~~~~~~~~~
सुबह 6 बजे खबर लगती है मां नहीं  रही
सुबह 9 बजे शव यात्रा शुरु होती है 
और सुबह 9.38 तक अंतिम संस्कार प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। 

कोई वीआई पी प्रोटोकॉल नही
कोई सड़क व्यवधान नहीं
न पार्टी न कार्यकर्ता - न कोई नारे 
न सैकड़ों एकड़ में समाधि स्मारक 
11 बजे अपने काम पर वापस 

कर्मयोगी अपने काम से पहचान बनाते है ! 
नमन - शत शत नमन 
                             (एक मित्र द्वारा प्रेषित - साभार)

नोट : मेरा किसी भी सियासी - राजनीतिक पार्टी से कोई सम्बन्ध नहीं है। 
 लेकिन कोई भी व्यक्ति जब कोई अच्छा और महान कार्य करे तो हमें उसका आदर और अनुसरण करना चाहिए और उनके कार्य की प्रशंसा करनी चाहिए। 
                   " राजन सचदेव " 



2 comments:

झूठों का है दबदबा - Jhoothon ka hai dabdabaa

अंधे चश्मदीद गवाह - बहरे सुनें दलील झूठों का है दबदबा - सच्चे होत ज़लील Andhay chashmdeed gavaah - Behray sunen daleel Jhoothon ka hai dabdab...