Wednesday, December 7, 2022

अगर दरिया में तलातुम हो

अगर दरिया में तलातुम हो, कश्ती बच भी सकती है
मगर कश्ती में तलातुम हो  तो किनारा नहीं मिलता

तलातुम = तूफ़ान

शब्दार्थ :
यदि समुद्र में तूफान आ जाए तो संभावना है कि नाव बच सकती है।
लेकिन अगर नाव में ही तूफान आ जाए - 
अगर नाव के अंदर ही बहुत हलचल और उथल पुथल होने लगे 
तो उसका किनारे तक पहुंचना कठिन हो जाएगा ।

भावार्थ - व्याख्या : 
ज्ञानी लोग यदि संसार में रहें तो इसमें कोई कठिनाई अथवा नुकसान नहीं है।
वे दुनिया की अशांति और उथल-पुथल से प्रभावित हुए बिना अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रख सकते हैं 
और अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।

लेकिन अगर संसार की दुविधाएं  - दुनिया के उथल-पुथल ज्ञानी के मन में  प्रवेश कर जाएं और मन में बने रहें  -
तब मोक्ष के लक्ष्य को हासिल करना कठिन हो जाएगा ।
                                         

4 comments:

दर्पण के सामने - भगवान कृष्ण

एक बार, भगवान कृष्ण आईने के सामने खड़े थे अपने बालों और पोशाक को ठीक कर रहे थे। वह अपने सिर पर विभिन्न मुकुटों को सजा कर देख रहे थे और कई सु...