अगर दरिया में तलातुम हो, कश्ती बच भी सकती है
मगर कश्ती में तलातुम हो तो किनारा नहीं मिलता
तलातुम = तूफ़ान
शब्दार्थ :
यदि समुद्र में तूफान आ जाए तो संभावना है कि नाव बच सकती है।
लेकिन अगर नाव में ही तूफान आ जाए -
अगर नाव के अंदर ही बहुत हलचल और उथल पुथल होने लगे
तो उसका किनारे तक पहुंचना कठिन हो जाएगा ।
भावार्थ - व्याख्या :
ज्ञानी लोग यदि संसार में रहें तो इसमें कोई कठिनाई अथवा नुकसान नहीं है।
वे दुनिया की अशांति और उथल-पुथल से प्रभावित हुए बिना अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रख सकते हैं
और अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।
लेकिन अगर संसार की दुविधाएं - दुनिया के उथल-पुथल ज्ञानी के मन में प्रवेश कर जाएं और मन में बने रहें -
तब मोक्ष के लक्ष्य को हासिल करना कठिन हो जाएगा ।
🙏Excellent. Bahut hee sunder ji.🪷
ReplyDeleteThanks uncle ji!
ReplyDeleteबहुत खूब🌹🌹
ReplyDeleteSo beautiful 💐🙏🏻
ReplyDelete