जो लोग जान बूझ के नादान बन गए
मेरा ख़्याल है कि वो इंसान बन गए
हम हश्र में गए थे मगर कुछ न पूछिए
वो जान बूझ कर वहां अनजान बन गए
मंझधार तक तो पहुंचना हिम्मत की बात थी
साहिल के आस पास ही तूफ़ान बन गए
इंसानियत की बात तो इतनी है शेख़ जी
बदक़िस्मती से आप भी इंसान बन गए
कांटे थे चंद दामने-फ़ितरत में ऐ 'अदम "
कुछ फूल - और कुछ मेरे अरमान बन गए
"अदम "
Wah ji wah mahapurso ji💐🙏
ReplyDeleteNice !
ReplyDeleteWah ji Wah uncle ji 🙏
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