वह मौन जो सम्मान के साथ आपकी रक्षा करे
उस संवाद - उस वार्तालाप से बेहतर है जिससे बाद में पश्चाताप हो।
ऐसे वार्तालाप - ऐसी बातचीत का क्या फायदा जिस से बाद में पश्चाताप हो - पछतावा हो।
उस से तो मौन अच्छा है जो आप के सम्मान की रक्षा कर सकता है।
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे दूसरों को उकसाने का यत्न करते हैं
ऐसी परिस्थिति में मौन रहना ही बेहतर है।
इस से आप का सम्मान भी बचा रहेगा और बाद में पछताना भी नहीं पड़ेगा।
सही है जी, एक चुप, सौ सुख।
ReplyDeleteशब्द जब तक अंदर है, हमारे वश में हैं। बोल दिए तो उनका प्रभाव तो दिखेगा ही।
धन निरंकार जी।
Much needed reminder after a long time.
ReplyDeleteSooo muchh true uncle ji
ReplyDeleteRight sir ! Ik chup so sukh
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