Wednesday, August 4, 2021

जहाज पर एक बादशाह और ग़ुलाम - शेख सादी

                      शेख सादी की एक कहानी और कविता
                      
एक पादशाह (राजा) समुद्री जहाज पर यात्रा कर रहा था।
उस जहाज पर एक ग़ुलाम भी था जो पहले कभी समुद्र में नहीं गया था और उसे समुंद्री जहाज की असुविधा का कोई अनुभव नहीं था। 
वह डर कर रोने लगा और इस हद तक कांपने और चीखने लगा कि कोई उसे भी शांत नहीं कर पाया।
उसकी चीख-पुकार से राजा बहुत क्रोधित हुआ। 

उस जहाज पर, एक दार्शनिक भी था - उस ने बादशाह से कहा:
 'आपकी अनुमति से, मैं उसे शांत कर सकता हूँ ।'

बादशाह से सहमति मिलने पर दार्शनिक ने उस गुलाम को पानी में फेंकने का आदेश दिया। 
जब वो डूबने लगा और सांस लेने के लिए छटपटाने लगा तो उसे बालों से पकड़ कर जहाज के डेक पर खींच लिया गया। 
तब वह एक कोने में दोनों हाथों से जहाज के एक खंबे को पकड़ कर उससे चिपक कर बैठ गया और चुप हो गया।

राजा को यह सब देखते हुए बहुत अजीब लग रहा था। उसने ग़ुलाम को पानी में फेंकने और फिर बाहर निकालने का कारण जानना चाहा तो उस बुज़ुर्ग दार्शनिक ने कहा कि पानी में डूब जाने के ख़तरे का अनुभव होने से पहले उसे नाव में बैठे होने की सुरक्षा का कोई आभास नहीं था। 
जैसे ही उसे पानी में डूबने का अनुभव हुआ तो उसे यह एहसास हो गया कि जहाज में बैठना कितना सुरक्षित है। 

इसी तरह, जब तक दुःख का अनुभव न हो तो सुख का अहसास नहीं होता। 
किसी भी वस्तु की कीमत उसके खोने के बाद ही पता चलती है। 

हे बड़े आदमी, जौ की रोटी तुझे नहीं भाती
जो मेरे लिए सुंदर है - वो तुम्हें बदसूरत लगती है
जन्नत की हूरों को तज़किया (शुद्धिकरण) 
दोज़ख लगता है
दोज़ख वालों से पूछो - उनके लिए तज़किया *जन्नत है।  

वो - कि जिसका प्रेमी उसकी बाहों में है 
और वो - जिसकी निगाहें उस के इंतज़ार में दरवाज़े पर लगी हैं -
दोनों में बहुत फर्क होता है

           "शेख सादी " (
फारसी सूफी - 1210 से 1291)

तज़किया - *शुद्धिकरण - शुद्ध करने या शुद्ध करने की प्रक्रिया تزکیہ Purification Repentance
जहां पापी - गुनहगार रुहें अपने गुनाहों को स्वीकार करती हैं ताकि उन्हें जन्नत में दाख़िला मिल सके 

6 comments:

न समझे थे न समझेंगे Na samjhay thay Na samjhengay (Neither understood - Never will)

न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे  उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा  समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा  उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...