Monday, October 16, 2023

आवाज़ों के बाज़ारों में

मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन 
आवाज़ों के बाज़ारों में  ख़ामोशी पहचाने कौन 

सदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोज 
लेकिन जब हम मिल जाते हैं - खो जाता है जाने कौन 

वो मेरी परछाईं है या मैं उस का आईना हूँ 
मेरे ही घर में रहता है मुझ जैसा ही जाने कौन 
                   " निदा फ़ाज़ली "

4 comments:

  1. एक के बाद एक बेहतरीन पोस्ट शेयर करने के बाद भी जब एक भी लाइक नहीं मिला, तब "अर्जुन" का हृदय विदीर्ण हो गया, और एप्पल नाम के अपने मोबाइल को उसने नीचे रख दिया और खिन्न मन से सिर झुका कर सोफे पर बैठ कर अत्यन्त दयनीय दृष्टि से शून्य में ताकते हुए भगवान श्रीकृष्ण से बोला,
    *हे केशव, हे अच्युत, इन likes और comments की भीड़ में जब मैं अपनी post को अकेला पाता हूँ तब सोचता हूँ कि कि इन post और likes से कुछ नहीं होता है। यह सब समय की बर्बादी के सिवा कुछ नहीं है।*
    अब मैं आपका शिष्य हूँ। आप कृपा करके मुझे सोशल मीडिया का गूढ़ ज्ञान प्रदान करें।
    तब श्री कृष्णजी ने अर्जुन के अज्ञान पर हँसते हुए यह वचन कहे:

    हे एप्पलधारी, तुम ज्ञान के भेष में अज्ञान की बातें करते हो, क्योंकि एक सच्चे फेसबुकिये और व्हाट्सएपिये को कोई फर्क नहीं पड़ता है चाहे उसे likes और comments मिलें या न मिलें।
    तत्पश्चात भगवान ने फेस बुक और व्हाट्सप्प के बाबत निम्न सत्य का ज्ञान उपदेश उसे दिया :---

    1. हे पार्थ ! *जिन्हें तुम्हारे विचार अच्छे लगते हैं, वो बिना पढ़े ही तुम्हारी पोस्ट लाइक करेंगे,* और जिन्हे नहीं करना होगा, चाहे तुम जो भी लिख लो नही करेंगे।

    2. मुरलीधर कहते हैं, हे मोबाइल धारी, *कुछ महारथी तुम्हारी पोस्ट पसंद तो करेंगे, पर किन्ही कारणवश ग्रुप में दर्शा नही पाएंगे।* ऐसे जातक तुम्हारी अन्य किसी माध्यम से ज़रूर प्रशंसा करेंगे ।

    3. देवकीनंदन सावधान करते हुए बोले, अनेक अस्थिर प्रवृत्ति के मानव, जो तुम्हे पसंद नहीं करते, वो किसी भी स्थिति में तुम्हारी किसी भी पोस्ट को लाइक नहीं करेंगे ,चाहे पोस्ट उन्हें कितनी भी पसंद आई हो।

    4. प्रभु बोले, परंतु पार्थ, तुम लाइक, शेयर और कमेंट के इस मोह चक्र से अपने को सर्वथा अलग रखना, और सतत् निष्काम भाव से लिखते रहना। *आनंद से भरकर अपनी पोस्ट लिखते व शेयर करते रहो। इसी में तुम्हारा कल्याण है।*

    5. *गोविंद कहते हैं कि मैसेज लिख कर लाइक्स और कमेंट्स की कामना करना मनुष्य को दुःख के एक ऐसे भंवर में डाल देता है जिससे बाहर निकल पाना सहज ही संभव नहीं होता है।*
    तुम क्या लाए थे और क्या ले जाओगे?
    अतः हे पार्थ निष्काम भाव से पोस्ट करते रहो।
    *यही सोशल मीडिया का सच्चा ज्ञान है*

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    1. इस परामर्श एवं उपदेश के लिए आपका आभारी हूँ -- धन्यवाद 🙏🏽

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It is easy to find fault in others - The real test of wisdom is recognizing our own faults.  Criticizing and condemning others is not hard. ...